आतंकवाद | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©निखिलेश नीमा
आतंकवाद के इस दानव ने बड़ा कोहराम मचाया है।
मासुमो, बेबसो को इसने खु के अश्रु रुलाया है।
आतंकवाद के इस …………..
आतंकवाद ने कितने हंसते खेलते घरों को सुनसान बनाया है।
जहा कल तक थी खुशियों की क्यारियां, वहा अब मातम परसाया है।
आतंकवाद के इस दानव…………
किन्ही के पिता,किन्ही की माता किन्ही के सारे वंश को आतंकवाद ने दर्द से छटपटाया है।
अरे नन्हे, मासूम, बेबसों को, माता- पिता के स्नेह से तरसाया है ।
आतंकवाद के इस दानव……
कितने वीरो को वीरांगनाओं ने शहीदों की शहादत का वर्चस्व बढ़ाया है।
देश हित, राष्ट्र प्रेम हित, मातृभूमि का गौरव बढ़ाया है।
आतंकवाद के इस दानव…….
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