महिला सशक्तिकरण l ऑनलाइन बुलेटिन
©नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़
परिचय– मुंबई.
महिलाओं की कामयाबी, दृणता, जज़्बे को सलाम।
अन्याय पे उठी जो आवाज़, सशक्तिकरण को सलाम।
सम्मान, प्रशंसा, प्रेम, सहानुभूति हो जिसका परचम,
फ़लक की बुलन्दी को छूने की हर अदा को सलाम।
भेदभाव मिटाकर, मतदान का लिया नारी ने अधिकार,
सम्पूर्ण जगत की गौरव, हर रूप में करती है उपकार,
श्रद्धा, देवी का वास, जन्नत भी रखती है क़दमों में,
रिश्तों के हर बन्धन को प्रकाश दिखाकर करती चमत्कार।
मुस्कान लिए होंठों पे, हर दर्द ख़ामोशी से भुला देती है।
परिवार की नींव है जो माँ या बहन बन निभा लेती है।
राजनीतिक, व्यवसायिक, सामाजिक या शैक्षिक,
हर क्षेत्र में जीत का परचम, आकाश में लहरा लेती है।
सागर रखती दया का, धारा प्रवाह जैसा कोमल मन,
वीरों की कथा सुनाकर, योद्धाओं को देती नया जीवन।
अस्त्र-शस्त्र की झंकार देकर, उम्मीद का दीया जलाती,
हर कसौटी पे खरी उतरकर, करती सम्पूर्ण जीवन अर्पण।
प्रगति की ओर बढ़ते देश पर, क़दम-से-क़दम मिलाया।
नारी तू जननी, कल्याणी,गृहणी का हर रूप दर्शाया।
असंभव को संभव कर ,न्याय को नया का राह दिखाया।
धरती को तूने स्वर्ग बनाया, धरती को तूने स्वर्ग बनाया।