प्रेम पंख | ऑनलाइन बुलेटिन
©इंदु रवि
परिचय– गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
आप आए बहार आई ।
जीवन में आप आए
खुशियां छाई ।
कोई दोस्त नहीं था
हंसने और हंसाने वाला ,
अपनी बातों और
कामों से फंसाने वाला ।
आप मेरे हौसले के पंख बने
आप मेरी खुशियों के शंख बने
खट्टी मीठी यादों के
पल भी खूब बीते ।
कभी हम, कभी आप जीते ।
पर इन सबके बीच भी ,
हमारा प्यार गहराता गया ।
हमारे प्रेम का परचम
फहराता गया ।
कवयित्री, लेखिका, स्वाभिमानी
जीवनसाथी पाकर ,
आपका जीवन भी
अस्त – व्यस्त हुआ ,
पर देश-प्रेम, समाज सेवा
की भावना जान ,
बाबा साहेब के ऋण समझ
आपका मन भी सहयोग
में मस्त हुआ ।
ऐसे सहयोगी जीवन साथी
का करूं आभार ।
जिन्होंने अंबेडकरवादी बना ,
दिया जीवन सुधार ।
शादी की सालगिरह
मुबारक आपको ।
नमन उन्हें, जिन्होंने
मुझे दिया, आपको ।।