यादें …
©पुष्पराज देवहरे भारतवासी
यादें भुलाये नहीं जाते कभी
यादें मिटाये नहीं जाते कभी
हम यादों को एक तिजोरी में |
बंद करके दिल के किसी कोने
में हिफाजत के साथ रख देते है ||
एक छोटी सी घटना आ जाती है
कभी हमारे आँखों के सामने
फिर हम उस तिजोरी की चाबी |
को ढूंढ़ते है एक के बाद एक
सारी यादें फिर बाहर आ जाती है ||
कभी रिमझिम फुहार बनकर
ठंडी हवा के झोंको के साथ
महकती हुई मिट्टी की खुसबू में |
काली घटाओं के आसमान में
आजाद उड़ते हुये पंछी बनकर ||
वो नहीं है फिर भी उसके होने
का एहसास दिलाती है ये यादें
कभी गर्म हवा के झोंको के साथ |
चिलमिलाती धुप के थपेड़ों में ||
रातों को आँखों में सपनें बनकर
कभी किताबों में कहानी बनकर
तो कभी आईने में चेहरा बनकर |
परछाई बनकर साथ चलती है
यादें हमारा पीछा नहीं छोड़ती ||
कभी रास्तों में सफर बनकर
हमारे साथ – साथ चलती है
दूरियों का पता नहीं चलता |
रास्ते आसान हो जाते है
कठिनाइयों को चिरते हुये ||
हम यादों को नहीं भुलाते पूरी तरह
वो हमारे दिलों के किसी कोने में
छुपी होती है आग की चिंगारी बनकर |
एक चिंगारी सारी यादें याद दिला देती है
यादें हमारे साथ चलती है रूह बनकर ||
🔥 सोशल मीडिया
फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://www.facebook.com/onlinebulletindotin
व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld
ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.
🔥 अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रकाशित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।
ये खबर भी पढ़ें: