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मेरी कायनात मेरी जन्नत | Newsforum

©शीबा, अलीगढ़, उत्तरप्रदेश

परिचय- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एमए, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कई पुस्तकें, कविताएं प्रकाशित, कहानी, कविता व लेखन में रुचि।


 

एक शब्द में पूरी दुनिया का प्यार छुपा होता है। सारी दुनिया का प्यार एक तरफ मां का प्यार एक तरफ। मानों सहरा की चिलचिलाती हुई धूप में एक छायादार दरख़्त सारे वुजूद को ढांप लेता है। मां की गोद में सिर रखकर दिल की सारी तकलीफें, सारे दर्द का लावा वह जाता है। मां वह दरिया है जिसका किनारा कभी डूबने नहीं देता।

 

मां की दुआओं में फरिशतों की सी सदाक़त होती है। समुन्दर की मौजों की तरह प्यार बहता है।  मुश्किल वक्त में एक सुकुन है जिसकी आगोश में आकर सारी तकलीफों का वुजूद ख़ुद ब खुद मिट जाता है। मां वह अहम हस्ती है जिसको अलफाजो़ं में बयान नहीं किया जा सकता है। वह मां ही होती है जो खुद भूखे पेट रहकर बच्चों का पेट भरती है। कभी मुसीबत में, कभी मायूसी की शिकन तक चेहरे पर नहीं आती।

 

खुदा ने एक नायाब कीमती तोहफे से नवाजा़ है। सारी दुनिया में मां की शफक्कत जैसा प्यार कोई दूजा नहीं कर सकता। मां वह जुगनू है जो अंधेरी रातों को रौशन करती है। वह चाँद है जिसकी ठंडी रोशनी जिंदगी में सुकून देती है। मां का उठा हाथ जब सिर पर महसूस होता है मानों ज़माने की मुहबबत का अकस समा गया हो। मां वह माली है जिसके बिना बाग वीरान सा लगता है। ऐसी मुहाफिज़ है जिसके होने से महफूज महसूस करते हैं।

 

मां के ज़जबों अहसानों और मुहबबत का र्कज़ कभी अदा नहीं कर सकते। कयोंकि मां का इस कदर एहसान है जिनकों सारी जिंदगी में भी अदा नहीं कर सकते। मेरी बस खुदा से यही दुआ है कि खुदा हर मां को एक लम्बी उम्र से नवाजे़। मां का साया कभी बच्चों से ना हटने दे। खुदा मेरी मां को और सबकी मां को एक लम्बी उमर अता करे। उनका साया  और साथ हमेशा ता कयामत तक सलामत रहे। मां की दुआएं जिंदगी की तारिकीयों को रौशन करतीं रहें। मेरी मां की मुहबबत दुआएं हमेशा मेरे साथ रहे।

 

जमाने की साजिशों से ना डराओ कोई मुझे।   
मेरी मां ने अपनी दुआओं का आंचल मेरे साथ किया है।

 


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