सफलता की मंजिल…
©गायकवाड विलास
गुज़रता है हर कोई पल-पल यहां पर,
सृष्टि चक्र वो कुदरत का अथक चलता रहता है।
मायूस होकर रूकना ना कभी तुम उसी राहों पर,
कभी-कभी हार में भी जीत छिपी होती है।
हर वक्त एक जैसा नहीं होता इस संसार में,
कभी धूप,कभी छांव कभी बारिश का मौसम है।
दिन में सूरज की रोशनी तो रात में है वो चांद,
उसी तरह कुदरत में भी कभी पतझड़ तो कभी आती बहार है।
हौसला रख बुलंद,विश्वास को टूटने न देना,
टेढ़े-मेढ़े भले ही रास्ते मगर हमें यहां चलना है।
जिनका टूट जाता है यकीन,वही हार जाते हैं जीवन में,
हार-जीत के बिना यहां कोई भी जीवन नहीं है।
हर कोशिश कभी किसी की होती नहीं नाकाम,
युही बनता नहीं,जीवन में यहां किसी का नाम।
कठोर मेहनत और कोशिश ही रंग लाती है जीवन में,
कोसों मत अंधेरे को,उसी अंधेरे से ही सूरज की रोशनी निकल आती है।
तकदीर के भरोसे जिएं नहीं जाती है ये जिंदगी हमारी,
कर बार-बार कोशिश,हार भी एक दिन हार जायेगी।
सुख-दुख,हार-जीत यही है जिंदगी के वो रंग,
इसीलिए हर आंगन में यहां कभी खुशी तो कभी गमों की आहट है।
गुजरता है हर कोई पल-पल यहां पर,
सृष्टि चक्र वो कुदरत का अथक चलता रहता है।
कोशिश करनेवाले ही सफलता की मंजिल पाते है,
कभी-कभी हार में भी जीत छिपी होती है – – –
? सोशल मीडिया
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