पेट्रोल मंहगा या शराब | Newsforum
©हरीश पांडल, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
बहा रहे हैं पसीना
पी रहे हैं शराब
बीवी-बच्चों की जिंदगी
कर रहे हैं खराब
गरीब कैसे माने उन्हें जो
पेट्रोल से ज्यादा मंहगा
पी रहे हैं शराब ?
मदिरालय की भीड़ देखकर
सरकार करती है हिसाब
सबसे कमजोर वर्ग श्रमिक
पेट्रोल से महंगा शराब
पी रहे हैं ?
नशे में इतराते मजे से
घूम रहे हैं ?
पेट्रोल की महंगाई पर
आंदोलन हो रहे हैं
मंहगी शराब लोग चुपचाप
पी रहे हैं।
इस सच्चाई का कोई उत्तर
है जनाब ?
बहा रहे हैं पसीना
पी रहे हैं शराब
बीवी-बच्चों का जिंदगी
कर रहे हैं खराब।
दूध बेचने वाले घर – घर
घूम रहे हैं ?
शराब पीने वाले मदिरालय
ढूंढ रहे हैं !
पीकर मंहगी शराब
गरीबी की बात करेंगे
सरकार इनके गरीबी को
कैसे विश्वास करेंगे,
मधुशाला की भीड़
इस बात की गवाही देता है
जनता गरीब नहीं है?
जो पेट्रोल से ज्यादा महंगी
शराब पीती है।
मदिरालय की जन सैलाब
मजदूरों- श्रमिकों
की अधिक होती है
बहाकर पसीना जो रोज
शराब पीती है,
उस भीड़ को देखकर
सरकार समझ जाती है
जनता गरीब नहीं है?
जो नित्य ही शराब की
जाम छलकाती है
मेहनत से कमाए पैसे
रोज शराब में लुटाती है
ऐसे जनता को कैसे
गरीब मानी जा सकती है,
समय, पैसा, शरीर
सभी हो रहे हैं खराब
बहा रहे हैं पसीना
पी रहे हैं शराब
बीवी-बच्चों की जिंदगी
कर रहे हैं खराब ,,,
नशामुक्ति अपनाएं जीवन
सफल बनाएं
मेहनत का पैसा घर लाएं
बीवी-बच्चों का जिंदगी
खुशियों से भर जाएं।