कलम से क्रांति | Newsforum
©प्रीति बौद्ध, फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश
कलम से आती है क्रांति।
मिट जाती है मन की भ्रांति।।
ताकत उससे बेजोड़ आती है।
नदी पत्थर तोड़ ले जाती है।।
महामानव ने कलम का आशीष दिया।
पाकर कलम सभी ने ऊंचा शीश किया।।
बहुजन नायकों ने अपना फर्ज निभाया।
बढ़ाएं हम उनका कारवां है ऐसा समय आया।।
हम उनके कर्ज नहीं उतार पाएंगे।
प्रण है सम्यक विचार निश्चय बढ़ाएंगे।।
प्रकाश पुंज महानायकों ने प्रेरित किया।
अंधकार मुक्त प्रकाश मय जीवन दिया।।
बाबा साहब के सपनों का भारत बनाएंगे।
बुद्ध के रास्ते चल, संविधानिक परचम लहराएंगे।।