बाबा साहब के लिए | newsforum

बाबा साहब के लिए, मैं अपनी कलम चला लूंगा।
सबके दिलों में श्रद्धा का, जगमग दीप जला दूंगा।।
संविधान को पढ़ ले सारे, ये संकेत दिखला दूंगा।
कोई विस्तृत चाहे जानना, प्रेम से सिखला दूंगा।।
बाबा साहब सबके हितकारी, ये बात बतला दूंगा।
गर कोई करे बुराई तो, बस हेकड़ी निकला दूंगा।।
सही उसका बढ़ा होंसला, विरोधी तिलमिला दूंगा।
ऐड़ी-चोटी तक जोर लगा, हर तरह हिला दूंगा।।
भीम यश-रस पीना चाहे, उसे ससम्मान पिला दूंगा।
बाबा साहेब के प्रति मन में, श्रद्धा-सुमन खिला दूंगा।।
जय भीम
©जबरा राम कंडारा, वरिष्ठ अध्यापक, जालोर, राजस्थान.
परिचय : शिक्षा- एमए, बीएड, हिंदी व राजस्थानी भाषा में साहित्य, लेख व कविता का प्रकाशन.