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आज इतवार ए | Newsforum

©राजेश कुमार मधुकर (शिक्षक), कोरबा, छत्तीसगढ़


 

आज दिन हर ए इतवार के

मिलके सब छुट्टी ल मनाबो

एक हप्ता म दिन हर आथे

एक करा बईठ गोठियाबो

आज दिन हर ए इतवार के

मिलके सब छुट्टी ल मनाबो

 

घर के छुटे काम ल हमन

जुरमिल के हे अब समटाबो

माई – पिला सब एक जगह

मिलके सब खाना ल बनाबो

आज दिन हर ए इतवार के

मिलके सब छुट्टी ल मनाबो

 

घर भर के सब गोल बईठ

छत्तीसगढ़ी अंताक्षरी गाबो

गीत म जीतही ओकर बर

अवईया इतवार ईनाम लाबो

आज दिन हर ए इतवार के

मिलके सब छुट्टी ल मनाबो

 

सियान मन के गोठ ल हमन

निचत धियान लगाके सुनबो

उकर बताए बात गठरी कस

अपन मन म सबला गुनबो

आज दिन हर ए इतवार के

मिलके सब छुट्टी ल मनाबो

 

कइसे रहिथे सुनता के संग

बिखरे घर ल हमन बताबो

मन म कतका मया हे हमर

सब झन ल हे हमन जताबो

आज दिन हर ए इतवार के

मिलके सब छुट्टी ल मनाबो …


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