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क्यों सफल नहीं होती है लव मैरिज, क्यों Love Marriage से बेहतर मानी गई है Arrange Marriage, जानें यहां | ऑनलाइन बुलेटिन

ऑनलाइन बुलेटिन | (www.onlinebulletin.in) | दोस्त आज हम आपको कुछ बुनियादी सच पर चर्चा करने के इरादे से हम लव मैरिज के बिन्दु पर बात कर रहे है। आप जब भी किसी से यह जाने कि लव मैरिज या अरैन्ज मैरिज मे से love marriage ही क्यों असफल होती है। अगर आप खोजने बैठे तो आपको बहुत से लोग आपको मिल जाएंगे जिन्होंने लव मैरिज ही की लेकिन ना जाने ऐसा क्या होता है जिंदगी में कि जिस इंसान के साथ रहने की कसमें खाई जाती थी, आज उसका चेहरा भी देखना एक पल के लिए भी सहन नहीं होता है। आज जितने भी divorce होते हैं उनमें अनेक ऐसे ही होते हैं।

 

यहां हम बात करने वाले हैं कि ऐसा क्या होने लग जाता है कि जिन लोगों ने एक-दूसरे को जानकार-समझकर लिया गया लव मैरिज का फैसला गलत साबित हो जाता है और जिससे जिंदगी में बिखराव आने लग जाते हैं। लव मैरिज; जिसके पीछे आज शायद बहुत से युवा भागे जा रहे हैं; कि जैसे कि लव मैरिज ही उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य हो।

 

ऐसा रिश्ता जिसका शादी ही अंत

 

दोस्तों जिस रिश्ते का अंत सिर्फ शादी हो उसकी शुरुआत भी कभी-कभी बहुत ही दिलचस्प तरीके से होती है। अपने देखा होगा कि अक्सर कुछ लोग जब किसी की शादी, जन्मदिन की पार्टी में, कोई भी कॉलेज प्रोग्राम में, त्यौहार, उत्सव में या सफ़र में शामिल होने जाते हैं तो वे वहां पर जब अपने से विपरीत लिंग को देखता है (यानी की मेल अगर फीमेल को और फीमेल अगर मेल को देखे) तो एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होने लगते हैं और जब यही आकर्षण ज्यादा होने लग जाता है तो फिर एक-दूसरे से जान-पहचान करने की कोशिश करते हैं और फिर जब एक-दूसरे से जान-पहचान हो जाती है तो दोस्त बन जाते हैं। और इस रिश्ते का अंत शादी पर जाकर खत्म होता है और वे शादी करने का फैसला लेते हैं। यह सब तो आपने किसी फिल्म में देखा ही होगा।

 

सिर्फ ऊपरी आकर्षण मात्र

 

सच में बहुत कम ही ऐसा होता है कि कोई भी दो अलग-अलग लिंग के इंसान मिलें और उनके मन में यह ख्याल सबसे पहले आएगा कि उनको एक-दूसरे से शादी करनी है। यह सच कुछ अपवाद हो सकते हैं लेकिन अगर आप खोजेंगे तो आपको ज्यादातर यही सच मिलेगा कि उन लोगों ने सिर्फ उपरी आकर्षण के बाद यह बात मन में बैठा ली कि उनको आपस में शादी करनी चाहिए। चाहे वे एक-दूसरे बारे में कितना भी नहीं जानते हों।

 

एक जिस्म और दो जान वाली कहावत सिद्ध करने की कोशिश

 

शुरूआत में तो एक-दूसरे का बहुत ख्याल रखा जाता है, अगर एक ने कहा कि आज उतने टाइम पर फिल्म देखने चलना है तो दूसरा टाइम से आ जाएगा। चाहे उसके लिए अपने घर में कितना भी झूठ बोलना पड़े या फिर अपना कोई भी जरुरी काम छोड़ना पड़ा हो लेकिन टाइम पर पहुंच जाएंगे। एक-दूसरे की फिक्र अपने से भी ज्यादा करेंगे, अगर एक-दूसरे के कार्य में कोई PROBLEMS हो तो एक दूजे की की help भी की जाएगी अपना काम ख़राब कर लेंगे लेकिन अपने पार्टनर का नहीं करेंगे चाहे इसके लिए उनको दोगुनी कीमत क्यों ना देनी पड़े। अपने मोबाइल में रिचार्च नहीं करेंगे लेकिन अपने पार्टनर का रिचार्ज अवश्य करेंगे। कोई भी फंक्शन हो एक-दूसरे को GIFT देंगे। कहने का मतलब यह कि एक जिस्म और दो जान वाली कहावत सिद्ध करने की कोशिश होती है।

 

लव मैरिज का दूसरा कदम

 

जब दोनों एक दूजे से मिलने लग जाते हैं और फिर एक-दूसरे से इतने आसक्त हो जाते हैं कि उनको लगता है कि वह एक-दूजे के बिना नहीं रह सकते हैं तो फिर या फिर जब उनके बारे में घरवालों को जानकरी होती है तो वह फिर मैरिज की सोचते हैं। कुछ परेशानी के बाद उनकी मैरिज हो जाती है तो एक-दूसरे से जुड़े सपने बनाने लग जाते हैं। शुरू का टाइम तो उनका ऐसा होता है जैसे कि वह कोई स्वर्ग में रह रहे हों, लेकिन धीरे-धीरे जब वे सच्चाई की जमीं पर आते हैं तो एक-दूसरे की कमी पर ध्यान देने लग जाते हैं और एक-दूसरे को नींचा दिखाने की कोशिश होती है। पहले जब एक-दूसरे की कमी को यह कहकर भुलाने की कोशिश की जाती थी समय के अनुसार दूर हो जाएगी, वही कमी उनको अब उनकी लाइफ को समाप्त करने वाली लगने लग जाती है। एक-दूसरे के लिए यादगार दिन, पल बोझिल से लगने लगते हैं। ऐसा होने लग जाता है जैसे कि यह दिन तो सिर्फ अपने लिए है। इसमें मेरा कुछ भी नहीं है। एक-दूसरे से अलगाव होने लग जाता है।

 

ऊंच-नीच, जातीय भेद-भाव की खाई

 

पहले-पहल जब लड़का-लड़की एक दूसरे से जान पहचान बनाते हैं तो वे अपने बारे में पूरी बात नहीं बताते हैं या जानकारी ही नहीं ली जाती है। जैसा कि अरैंज मैरिज में माता-पिता बेटा या बेटी की शादी तय करते समय कुल आदि की बात करते हैं। यहां पर लड़का-और लड़की का ऊपरी आकर्षण ही सबकुछ होता है। बाद में जब कभी पता चलता है या सहेलियां आकर बतातीं हैं कि तुम्हारा हीरो या हीरोइन तो अमुक जात के हैं। तब इस बात को वे हंसी में टाल देते हैं, लेकिन शादी के बाद जब झगड़े शुरू होते हैं तब यही दोनों बड़ा हथियार हो जाता है। और अपने से छोटी जाति के साथी को नीचा दिखाने के लिए उपयोग करने लगते हैं। शादी के बाद उन्हें पता चलता है कि ‘मै कहां से कहां आ गई, बहुत बड़ी भूल हो गई। इसे पहले नहीं समझ पाई’। इसके बाद फिर जीवन में शुरू होता है बिखराव।

 

लव मैरिज का अंतिम कदम

 

जब इंसान love marriage करता है तो वह यह नहीं सोचता की marriage जिंदगी का सबसे खूबसूरत पहलू होता है। ज्यादातर love marriage करने वाले इसको नहीं समझते हैं। वे सिर्फ पहली नजर के आकर्षण को love समझकर जिंदगी में आगे बढ़ने लग जाते है। लेकिन marriage होने बाद उनके जीवन में बहुत बदल आते है जिनके बारे शायद ही कोई कपल marriage से पहले संजीदा रूप सोचते हो। जो कपल marriage से पहले एक-दूसरे को पूरी आजादी देते थे एक-दूसरे के वर्क शेयर करते थे After Marriage अगर कोई गलती से पूछ ले तो जैसे की अगर पत्नी किसी कार्य के कारण घर से बाहर जाए तो पति उसको सवाल पर सवाल पूछने लग जाएगा कि बाहर क्यों जाना पड़ा। किसी को साथ नहीं ले जा सकते थे। मुझे क्यों नहीं बताया। इसी प्रकार अगर पति कोई भी कार्य के कारण घर आने लेट हो जाए तो पहले जिस में चिंता की जाती आज उसी कारण में सवाल हो जाते है कि कहां देर कर दी। फोन क्यों नहीं किया। पहले क्यों नहीं बताया। और जब यह तकरार ज्यादा हो जाती है तो उस लव मैरिज का होता है अंत। तो एक-दूसरे के प्रति मन की भावना यह होती है कि आज मेरे जीवन में किसी मुसीबत से छुटकारा मिल गया है। जिन दिलों में पहले love का सागर झलक रहा था आज उसमें नफ़रत का दरिया उफान मार रहा है।

 

लव मैरिज की Problem के कारण

 

दोस्तों जो लोग सिर्फ love यानि की प्यार के कारण एक दूसरे को जानने लगे हो तो उनके बीच में तो दरार आने का कोई भी सवाल नहीं होता है परन्तु दुनिया का सबसे कड़वा सच है कि प्यार के बाद नफरत हो ही जाती है। मेरा खुद का अनुभव भी यही कहता है, क्योंकि जब किसी के प्यार में होते हैं तो उस टाइम तो उस इंसान की कोई भी कमी बहुत ही छोटी लगती है लेकिन अगर वही इंसान छोटा सी भी गलती कर जाए तो उसकी वह छोटी सी भी गलती नागवार गुजरती है।

 

अपने देखा होगा कि जब कोई भी कपल्स शादी से पहले एक-दूसरे के जन्मदिन को सेलिब्रेशन करने के लिए अपने work को भी छोड़कर celebrate करते हैं। बहुत ही anjoy करते हैं। तो दोनों के मन की भावना यही हो जाती है कि हम मैरिज के बाद भी ऐसा ही celebration करेंगे लेकिन होने लग जाता है इसका उल्टा। क्योंकि मैरिज से पहले तो एक boy फ्री होता है लेकिन आफ्टर marriage वह बहुत जिम्मेदार होने की कोशिश करता है तो उसकी partner उसकी यही व्यस्था को यह सोच कर कि अब उसके lover का आकर्षण कम हो गया है और खुद भी उससे दूरी बनाने लग जाती है और फिर यह दूरी धीरे-धीरे बहुत बढ़ जाती है। जब एक-दूसरे के barthday, anniversary मनाने का टाइम आता है तो एक-दूसरे से अपेक्षा करते है कि वह याद रखे। हमको याद ही नहीं रहेगा। इस प्रकार से धीरे-धीरे प्यार गायब होने लगता है।

 

यहां हम आपको कुछ मुख्य कारण बताने की कोशिश करेंगे, जिनके कारण love marriage सक्सेस क्यों नहीं होती है।

 

एक-दूसरे की कमी को अनदेखा ना करना

 

जिस तरह सारी दुनिया में एक-दूसरे इंसान के चेहरे अलग होते हैं उसी प्रकार से हर इंसान की सोच अलग-अलग होती है। दुनिया का शायद कोई भी इंसान ऐसा नहीं मिलेगा जिसके अंदर कोई भी कमी ना हो। अगर आप किसी की कमी गिनने लगो तो आप प्रत्येक इंसान में बहुत सारी कमी निकल लोगे लेकिन अगर आपसे यही पैमाना अपने ऊपर लागू करने को कहा जाए तो फिर आप पीछे हट जाओगे लेकिन After Marriage कपल्स के बीच यही होता है। जीवन में उतार-चढाव आते हैं। इंसान का जीवन नदी के पानी की तरह होता है। कभी ज्यादा वेग होता है, तो कभी ठहराने का आभास होता है। कभी किसी पहाड़ी से गुजरता है तो कभी मैदानी इलाकों में फ़ैल कर बहता है लेकिन जब इंसान एक-दूसरे से मैरिज में बंधता है तो एक-दूसरे की कमी बहुत ज्यादा बड़ी नजर आती है। इससे संबंधों में दूरी होने लगती है।

 

घरवालों से तालमेल का ना होना

 

love marriage करने वाले कपल के घर वाले ज्यादातर उनकी marriage से Happy नहीं होते है लेकिन Marriage से पहले लड़की और लड़का एक-दूसरे को समझाते है कि तुमको मेरे घरवालों से तालमेल बैठनी है। और वे एक-दूसरे की बातों से सहमत होते हैं। जबकि चाहे एक-दूसरे के घरवालों का स्वभाव कैसा है, उसके बारे नहीं सोचते हैं लेकिन उस टाइम उनको सिर्फ marriage करनी है तो इस बात पर गहराई से नहीं सोचते हैं लेकिन जब marriage के बाद घरवालों से सामना होता है तो स्वभाव के विपरीत इंसान मिलने पर तालमेल नहीं हो पता है तो फिर एक-दूसरे के घरवाले में दोष को बाधा चढ़ाकर देखा जाता है तो फिर घर के अंदर संबंध टूटने की स्थिति होने लग जाती है।

 

एक-दूसरे पर शक होना

 

जब दो लोग एक-दूसरे से जुड़ते हैं तो उसमे सबसे पहले इंसान शक करता है कि यह हमसे झूठ बोल सकता है लेकिन जब बात love की होते इंसान बहुत भरोसा करता है लेकिन जब वही lover marriage करते हो तो उनके बीच छोटी सी भी गलती शक का रूप ले लेती है। marriage से पहले हम खुद भी अपने partner के बारे में लोगों को बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं, मिलते हैं और बहुत ही गर्व महसूस करते हैं लेकिन अगर जब पार्टनर खुद ही लोगों से घुलने मिलने लग जाए तो दूसरा उस पर शक करने लग जाता है जो की रिश्ते में दरार का कारण बन जाता है।

 

शक प्रत्येक रिश्ते की नींव हिला देता है

 

जिस रिश्ते की दीवार पहले से ही कमजोर हो तो उस पर तो उसकी हलकी चोट भी बहुत तेजी से काम करती है। अगर इंसान कोई भी कार्य के कारण घर ना पाए तो उसमें भी शक किया जाता है। marriage से पहले के संबंध भी शक पैदा करते हैं। जब रिशतों में तनाव होने लगे तो शक और भी होता है।

 

एक-दूसरे से उम्मीद करना

 

हम किसी भी रिश्ते से जुड़ते हैं तो लाजमी है कि हम एक-दूसरे से कुछ उम्मीद बनाते हैं लेकिन जब बात हो प्यार मोहब्बत की तो उसमें कुछ ज्यादा ही उम्मीद पाली जाती है। एक लड़के की उम्मीद होती है उसकी lover सिर्फ मेरी ही चिंता करे। दुनिया में सबसे ज्यादा मेरे बारे में ही सोचे और हर बार उसकी सही-गलत जो भी उसको माने उस पर कोई भी टिका टोकी न हो। कम ही ज्यादा ख़ुशी की तलाश की जाए। मेरे ऊपर ज्यादा निर्भरता ना हो। और दूसरी तरफ एक लड़की यह सोचती है कि उसको प्यार करने वाला जब उसकी जिंदगी में लाइफ पार्टनर बन जाए तो उसकी सभी इच्छाओं को पूरा किया जाए, उसकी भी उम्मीद का आकाश ज्यादा ही होता है। रिश्ते में ऐसा होता हो की एक-दूसरे के कार्य में हेल्प की जाती है लेकिन हम प्यार से बने रिश्ते में कुछ ज्यादा उम्मीद करते हैं क्योंकि लड़की के मन में तो यह सोच जाता है कि यह जब हमसे बहुत ज्यादा प्यार किया जा रहा है तो उसकी उम्मीद भी पूरी की जाए। चाहे उसके लिए आप कोई भी कार्य करो। उसके नखरे तो आपको उठाने भी पड़ेंगे। लड़की कभी कभी यह भी देखती है कि शादी से पहले तो मेरी एक आवाज पर खिंचे चले आते थे और आज मेरे इतना कहने पर भी तुम उस आमुक चीज को लाना भूल गए।

 

आकर्षण का लगातार कम होता जाना

 

मैं जब कॉलेज स्टूडेंट होता था, तब हम ऐसे ही आपस में फ्रेंड्स बातचीत में लव मैरिज के बारे में बात चल रही थी। तो उस समय यह एक बात निकल कर आई कि जो प्यार के रिश्ते शादी में बदलते हैं उनमें बाद में दरार क्यों आती है। यह इंसानी फितरत है कि जब हम किसी चीज को देखते हैं तो उसके दीवाने हो जाते हैं। और फिर दीवाने होने पर उसको पाने की हसरत पलते हैं और उसको पाने की कोशिश करते हैं। जब बात प्यार की हो तो हम एक-दूसरे की जान पहचान करते हैं उसके लिए बहतु कुछ करते हैं। लड़के जो होते हैं वह लड़की के आने-जाने के टाइम का ध्यान रखते हैं। मिलने की कोशिश करते हैं। अपने मन की बात कहने की कोशिश करते हैं और उसी प्रकार एक लड़की भी जब किसी के प्रति आकर्षित होती है तो वह भी लड़के से जान-पहचान करने की कोशिश करती है। उसके घर आना शुरू करती है। उसके घर के किसी सदस्य से दोस्ती बढ़ाती है, और फिर जब एक-दूसरे से जान पहचान हो जाती है तो उस आकर्षण का 25% कम हो जाता है। और जब रिश्ता दोस्ती से आगे होने लग जाता है तो फिर उसका आकर्षण 50% और कम हो जाता है।

 

जब वह रिश्ता शादी में बदलता है तो उस प्रकार का आकर्षण नहीं होता है, जैसे पहली बार मिलने पर होता है और 75% आकर्षण कम हो जाता है।

 

जातिय व सामाजिक अहंकार का होना

 

दोस्तों कभी भी उस रिश्ता का सफ़र पूरा नहीं हो सकता जिस में अहम का भाव हो। मेरा मतलब है जब हम किसी बंधन में जाते है तो उस बंधन को तभी निभाया जा सकता है। जब उस बंधन के प्रति हमारे अंदर समर्पण की भावना है। अगर हम उस बंधन से सिर्फ उम्मीद करें या आशा करें कि यह हमारे लिए है। हम इसके लिए नहीं हैं तो फिर वह बंधन बोझ बनाने में देर नहीं लगती है। उसी पराक्रम जब कोई भी कपल marriage करके एक नए जीवन की शुरुआत करते हैं तो उसको सफल होने के लिए अपना अहम त्यागना पड़ता है। परन्तु होता इसमें उलटा ही है। क्योंकि ज्यादातर प्यार के रिश्ते में हमारे अंदर यह भाव आ ही जाता है कि हम एक-दूसरे से श्रेठ हैं। हम अपने पार्टनर से यह उम्मीद करते हैं कि वह हमारी हर बात को माने। कभी-कभी आपने देखा होगा कि हर रिश्ते में कभी ना कभी कुछ न कुछ हो जाता है। यह सभी रिश्तो में होता है लेकिन लव मैरिज के रिश्ते में हम अपने अंहकार के कारण एक-दूसरे से उम्मीद करते हैं कि वह पहले आकर मुझसे बात करे और फिर जब हमारा अंहकार हमको चहकने नहीं देता है तो फिर वह रिश्ता टूट जाता है।

 

दोस्तों यह मेरी लव मैरिज को लेकर सोच गलत हो सकती लेकिन यह भी इत्फाक नहीं हो सकता कि आज लव मैरिज वाले ही रिश्ते ज्यादा टूट रहे हैं। कभी-कभी तो रिश्ता इतना जल्दी टूटता है कि लोगों को विश्वास भी नहीं हो पाता कि ऐसा हुआ है।


 

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