.

नारी शक्ति | ऑनलाइन बुलेटिन

©पूनम सुलाने

परिचय– जालना, महाराष्ट्र


 

रिश्तों की डोरी को

जो बांध रखती है।

जीवन के हर मोड़ पर

सभी का जो साथ देती है।

 

पढ़ लेती है सबके मन को

फिर भी अंजान बनती है।

खुशियों के खातिर दूसरों के

जो हर बार चुप रहती है।

 

सुसंस्कारों की रोशनी से

दो घरों का नाम रोशन करती है।

नहीं टूटने दे किसी को

वो हौसला सबका नारी बनती है।

 

जो बचाए रखे दुनिया की धूप से

वो आंचल नारी बनती है।

प्रेम, करुणा, दया का सच्चा ज्ञान

विश्व को एक नारी देती है।

 

बेटी, पत्नी, माँ, बहू के रूप में

तो कभी बहन बनकर साथ होती है।

नारी अपने आप में वो शक्ति है

जो पूरे विश्व का निर्माण करती है।


Back to top button