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लता के संगीत में | ऑनलाइन बुलेटिन

©अशोक कुमार यादव

परिचय– अलवर, राजस्थान


 

 

संगीत के एक युग का

मानो हो गया है अंत

माघ शुक्ल षष्ठी को जब

लता का हो गया देहांत

सरस्वती का ही मानो

लता अवतार थी

उनके गानों से ये दुनिया

करती बहुत ही प्यार थी

उनके मधुर गानों को सुनकर

छा जाता है बसंत

संगीत के एक युग ………………

मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में

1929 ई. में वो जन्मी थी

बचपन से ही संगीत कला की

रुचि उनके मन में थी

आजीवन अविवाहित रहकर

संगीत की वो बन गई संत

संगीत के एक युग ………………

अपनी मनोरम वाणी से वो

सबका मन मोह लेती थी

फिल्मी गानों के अलावा

देशभक्ति गायन भी करती थी

लता के संगीत में हमको

खुशियां मिलती है अनंत

संगीत के एक युग ………………

संगीत की दुनिया में उन्होंने

बहुत बड़ा काम किया

जिसके कारण सरकार ने उन्हें

भारत रत्न सम्मान दिया

भारत की इस स्वर कोकिला पर

सबको गर्व है अनंत

संगीत के एक युग ………………

 

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