शांति का सन्देश देता भारत | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन
©रामकेश एम यादव
ज्ञान की शीतल हवा देता है भारत,
मोहब्बत का पाठ पढ़ाता है भारत।
दुनिया में मजहब हो सकते हैं कई,
मोक्ष का रास्ता दिखाता है भारत।
कर्मो का नतीजा भगवान भी झेले,
कर्मों का पाठ हमें पढ़ाता है भारत।
वसुधैव कुटुम्बकम का मंत्र है इसका,
त्याग,तपस्या की बुनियाद पे है खड़ा,
इसी वजह से विश्व को भाता है भारत।
हिंसा, अन्याय से झुलस रही दुनिया,
अमन-शांति का पैगाम देता है भारत।
विश्व की आशाओं पे ये खरा उतरता,
संस्कारों से सबको सजाता है भारत।
प्यार की डोर से बांधता है सबको,
खिलाता गगन की सूनी छाती पे पुष्प,
न सिंहासन किसी का छीनता है भारत।
आंसुओं से न धोये कोई किसी का चरण,
विपदा में हरेक का साथ देता है भारत।
प्रण करके पीछे न हटाता कभी पांव,
किए व्रत का मोल चुकाता है भारत।
सपने में दानकर राजा हरिश्चन्द्र डिगे नहीं,
सत्य पर अटल अब भी रहता है भारत।
दान किए थे अस्थियों की महर्षि दधीचि,
विश्व कल्याण में तल्लीन रहता है भारत।
सूख जाए लहू भले, बचे हड्डियों का ढांचा,
ये भी पढ़ें :
ब्रह्म सूत्र ~ द्वैत से अद्वैत की यात्रा | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन