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हम है हिन्द देश के वासी | Newsforum

©लोकेश्वरी कश्यप, मुंगेली, छत्तीसगढ़


 

हम है हिन्द देश के वासी,

पहचान हमारी हिंदी है.

हिंदी के मस्तक पर शोभित,

देखो कैसी सजती ये बिंदी है.

 

स्वदेश में सब मिलकर अपनाओं इसे, क्योंकि विदेशो तक इसे पहुँचाना है.

आगत भाषाओं को अपना लेने वाली

ऐसी सरल, सहज हमारी हिंदी है.

 

 

 

जन- जन तक राष्ट्र चेतना भरने वाली,

हमारी प्यारी राष्ट्र भाषा हिंदी है.

सम्मान करते है हम सब इसका,

हमारी आन -बान -शान हिंदी है.

 

 

 

सब भाषाओं के शब्द है इसमें,

भाषाओं का पर्याय है हिंदी.

देश है अपना प्यारा हिंदुस्तान, भाषाओं की सरताज अपनी हिंदी है.

 

 

लिपि है इसकी सुंदर देवनागरी,

हर ध्वनि के लिए अलग इसमें पहचान है.

कंप्यूटर को जो सबसे अच्छी लगती,

वो वैज्ञानिक भाषा कहलाती हिंदी है.

 

हम है हिन्द देश के वासी,

पहचान हमारी हिंदी है.


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