चाहत chaahat
©कुमार अविनाश केसर
परिचय– मुजफ्फरपुर, बिहार
तुमसे चाहा-
थोड़ा -सा प्यार…
अँजूरी भर दुलार….
तुमने कीमत लगा दी!
दिल में दीमक लगा दी।
तुमसे चाहा –
पल भर मनुहार..
नज़रों की फुहार…
तुमने हँसी उड़ा दी!
ज़माने की नज़रें दिखा दी।
तुमसे चाहा –
चाँदनी-सी छुअन..
मखमली मानस भुवन…
तूने पानी में आग लगा दी!
रेगिस्तान में प्यास जगा दी।
काश!
मुझसे भी कभी चाहे होते –
सिर के लिए कंधे..
आँखों के लिए बहार …
मन के लिए बहलाव ….
और……
और बहुत कुछ….
जो तुम्हारी सोच से परे हो।
©Kumar Avinash Kesar
Wanting
wanted you-
little bit of love…
Anjuri full of caress….
You paid the price!
Put a termite in the heart.
wanted you –
A moment’s grace..
Splash of eyes…
you laughed!
Showed the eyes of the times.
wanted you –
Moonlight-like touch..
Velvet Manas Bhuvan…
You set fire to the water!
Awakened thirst in the desert.
If only!
If I ever wanted to –
Shoulders to head..
Out for the eyes…
Recreation for the mind….
And……
And many more….
which is beyond your imagination.