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ऊंची हवेली | newsforum

©नीरज सिंह कर्दम, बुलन्दशहर, उत्तर प्रदेश

परिचय : शिक्षा – 12th,  रुचि – कविता लिखना, अवार्ड- डॉ भीमराव आंबेडकर नेशनल फेलोशिप राष्ट्रीय अवार्ड 2019, डॉ. भीमराव आंबेडकर नेशनल फेलोशिप राष्ट्रीय अवार्ड 2020-21 के लिए चयनित.


 

फटे हुए कपड़ों में

पैरों में चोट लगी है

ठंड से ठिठुरता हुआ

आंखों में आंसू लिए

भूख से आंते

सिकोड़ता हुआ

उस ऊंची हवेली को

निहारता हुआ

एक बालक ।

उस ऊंची हवेली के

कचरे के ढेर को

दूर खड़ा होकर

बड़ी लालसा से

निहारता हुआ

वह बालक,

अपनी भूख

मिटाने के लिए

उसकी आंखें

तलाश रही है

एक रोटी का टुकड़ा ।

मन में एक उम्मीद थी

उसके

कि, ऊंची हवेली में

रह रहे बड़े लोग

खाना खाकर

अक्सर

बचे हुए खाने को

फेंक देते हैं कचरे के

ढेर में,

तब वो उस

ऊंची हवेली के

कचरे के ढेर में

फेंके गए खाने को

उठाकर

अपनी भूख शांत कर लेगा ।


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