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मैं चलता रहूंगा | newsforum

©राहुल सरोज, जौनपुर, उत्तर प्रदेश 


 

 

कांटों से भरा हो रास्ता,

लहरों से हो चाहे वास्ता,

खुद की तलाश में,

मुठ्ठी भरे रेत सा फिसलता रहूंगा,

मैं चलता रहूंगा।।

 

कोई अपना पराया हो जाए,

हर सपना चाहे साया हो जाए,

मैं स्वर्णिम जीवन के कोरे कागज पर,

नए रंग उमंग के भरता रहूंगा,

मैं चलता रहूंगा।।

 

वो यादें अनजानी हो कोई,

चाहे जख्म पुरानी हो कोई,

नव जीवन का मरहम लिए,

ज़ख्मों के कतरे भरता रहूंगा,

मैं चलता रहूंगा।।

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