दोस्ती | ऑनलाइन बुलेटिन
©प्रतिभा त्रिपाठी, शिक्षिका
परिचय- गुन्डरदेही, बालोद, छत्तीसगढ़
दोस्तों के साथ बीता
हर लम्हा याद आता है,
जीवन के सफर में वो
खुशनुमा बातें याद आती है ॥
दोस्ती एक ऐसी इत्र हैं
जो महके बन के हवा,
घुल जाए सांसों में ऐसे
जैसे मेरा यार मेरे लिए ॥
काश फिर वो शाम आएं
दोस्तों के साथ बीते वो पल याद आएं,
जीवन को जीने का अंदाज आएं
काश मेरे दोस्तों को मेरी याद आएं॥
दोस्त मिलते हैं, जिंदगी के सफर में,
पर टूटे ना दोस्ती, इस सफर में,
साथ निभाना दोस्त मेरे,
जिंदगी के हर सफर में
साथ न छोड़ना जिंदगी के सफर में,
नहीं डूब जाएगी कस्ती मेरे नाव की ॥