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डॉ.भीमराव आंबेडकर जी के महान विचार | ऑनलाइन बुलेटिन

©पूनम सुलाने-सिंगल

परिचय– जालना, महाराष्ट्र


 

 

भारतीय संविधान के रचयिता, देश के महान नेता एवं समाज सुधारक डॉ.भीमराव आंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के छोटे से गांव महू में हुआ था।

 

बाबासाहेब नाम से लोकप्रिय डॉ.भीमराव आंबेडकर जी ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था।

 

देश के महान नेता भीमराव आंबेडकर जी के विचारों ने देश के हजारों युवकों को प्रेरित किया और उनके विचारों पर चलकर अनेक युवकों ने अपना जीवन सफल बनाया।

 

14 अप्रैल आंबेडकर जी की 130 वीं जयंती के अवसर पर आइए जानते हैं आंबेडकर जी के कुछ महान विचारों का जो हम सबको जीवन के पथ पर हमेशा मार्गदर्शन करते रहेंगे।

 

1):-वो इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाते हैं:-

 

इतिहास हमेशा वही लोग बना सकते हैं जो इतिहास को जानते हैं, डॉक्टर आंबेडकर जी का यह विचार सच में हमें हमारे पूर्वजों के प्रति एवं हमारे इतिहास के प्रति जागरूक रहकर अपने वर्तमान समय में कुछ ऐसा कार्य करने की प्रेरणा देता है जो आने वाली पीढ़ी के हित में हो।

 

1):-आप हमेशा अच्छे दिखने के लिए मत जिओ,

बल्कि आप एक अच्छा व्यक्ति बनने के लिए जियो।:-

 

हर व्यक्ति की अच्छाई उसके दिखने से नहीं बल्कि उसके कार्य से होती है, आपके द्वारा किया गया हर एक कार्य गुलाब की सुगंध की तरह होता है जो आपकी व्यक्तित्व की पहचान दुनिया को कराता है, इसलिए हमेशा अपने आपको एक अच्छा व्यक्ति बनने के लिए प्रेरित करने वाला डॉ.आंबेडकर जी का यह विचार सच में हम सबके लिए बहुत ही प्रेरणादायी है।

 

 

3):-शिक्षा जितनी पुरुषों के लिए जरूरी है

उतनी ही महिलाओं के लिए भी जरूरी है।

 

एक बेटी को पढ़ाना मतलब पूरे परिवार को आगे बढ़ाना होता है क्योंकि,, अगर पुरुष शिक्षित हो तो अपनी कमाई से घर परिवार की जरूरतें पूरी कर सकता है,, ठीक उसी तरह एक नारी को अगर उचित शिक्षा प्राप्त हो तो घर चलाने के साथ-साथ एक शिक्षित नारी घर के वातावरण को शुद्ध संस्कारों से भर देती है। इसलिए बेटों की तरह बेटियों को भी शिक्षा प्राप्त करने का पूरा पूरा अवसर प्राप्त होना चाहिए,इसी में देश की उन्नति है।

डॉ.आंबेडकर जी का यह विचार समाज के सभी वर्गों के लिए विचारणीय है।

 

4):-जो इंसान झुक सकता है

वह सारी दुनिया को झुका भी सकता है।:-

 

फल लगा हुआ पेड़ अक्सर झुका मिलता है, ठीक उसी तरह ज्ञान से परिपूर्ण व्यक्ति को भी अज्ञान व्यक्तियों के सामने भले ही झुकना पड़े मगर, उसके शब्दों में इतनी इतनी ताकत होती है कि,, वह अपने ज्ञान के बल पर सही और गलत का निर्णय लेकर पूरी दुनिया को झुका सकता है। इसलिए अपनी शिक्षा पर अहंकार न करते हुए हमेशा सभी के साथ नम्रता और शालीनता के साथ व्यवहार करना चाहिए।

 

डॉ. आंबेडकर जी का यह विचार हमें ज्ञानवान व्यक्ति के लक्षण कैसे होने चाहिए इसकी शिक्षा देता है।

 

5)-:अपनी झोपड़ी में राज करना

दूसरे के महल में गुलामी करने से बहुत अच्छा है।:-

 

आपके द्वारा किया गया कार्य कोई भी हो चाहे वह छोटा हो या बड़ा आप उसके स्वयं मालिक होते हैं। ठीक उसी तरह अगर आप किसी की नजरों में ऊँचा उठने के लिए कोई भी कार्य कर रहे हो तो, वह एक प्रकार की गुलामी होती है। आपको हमेशा अपने आप का मालिक बन के रहना चाहिए, किसी भी मोह के खातिर किसी दूसरे की गुलामी नहीं करनी चाहिए।

 

हमें वास्तविकता का परिचय कराने वाला डॉ.आंबेडकर जी का यह विचार हमें स्वयं की पहचान करके अपने आप का मालिक बनने की प्रेरणा देता है।

 

महान पुरुषों के विचार जितने भी पढ़े, देखा जाए तो वह कम ही होते हैं, डॉ.आंबेडकर जी की जयंती के अवसर पर डॉ.आंबेडकर जी के प्रेरणादाई विचारों पर लिखा गया हमारा यह लेख आशा करते हैं आप सबको पसंद आया होगा।


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