आखिरी खत | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©हिमांशु पाठक, पहाड़
आख़िरी खत तेरे नाम लिखा है ।
अंतिम; तुझे पैगाम दिया है
आज की मेरी अंतिम शामें
जा मैंने,तेरे नाम किया है ।।
आखिरी खत तेरे नाम लिखा है।
बहुत हो चुका तेरा दिखावा,
बहुत हो चुका छेल-छलावा।
अब ना तूझसे बात करेंगे,
और ना ही मुलाकात करेंगे ।
तुझे मुबारक हो ये गलियां,
इन गलियों का रूख ना करेंगे।
अगर कभी जो टकराएं हम-तुम,
किसी मोड़ पर किसी पथ पर,
ये वादा हम आज हैं करते
रूख अपना हम मोड़ ही देंगे ।।
खाते हैं सौगन्ध आज हम ,
अब ना ये चेहरा देखेंगे ।।
अंतिम ये पैगाम है मेरा,
अब ना कोई खत हम लिखेंगे ।।
करी खता,जो एतबार किया,
दिलों-जान से तुझको चाहा।।
तूने दिल से मेरे खेला,
हर पग पर मेरा दिल तोड़ा।
अब ना किसी से प्यार करेंगे,
प्यार से भी नफरत अब करेंगे,
आखिरी बस ये खत लिखते हैं,
आज के बाद कभी ना लिखेंगे।।
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