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हिन्दी से प्यार कीजिए | Newsforum

©नीरज यादव, चम्पारण, बिहार


 

 

 

हमारे राजभाषा को अधिकार दीजिए।

 

मीठी स्वर में बोलकर हिन्दी को संवार दीजिए।

 

जितना प्यार करते हो भारत माता से,

 

उतना ही हिन्दी से प्यार कीजिए।

 

 

जल्दबाज़ी ना करें, कुछ इंतज़ार कीजिए।

 

एक बार में ना हो तो बार-बार कीजिए।

 

कम-से-कम आज तो अंग्रेजी छोड़कर,

 

हिन्दी से प्यार कीजिए।

 

 

अपने हिन्दी की बोल सुधार कीजिए।

 

हिन्दी को अपने दिल में उतार लीजिए।

 

जब दिल में हिन्दी बस जाये तो फिर,

 

हिन्दी से प्यार कीजिए।

 

 

हिन्दी पढ़े-लिखों से अच्छा व्यवहार कीजिए।

 

हिन्दी सिखाकर अपने बच्चों को अच्छा संस्कार दीजिए।

 

जितना प्यार करते हो अपने तिरंगे से,

 

उतना ही हिन्दी से प्यार कीजिए।

 

 

पढ़-लिखकर भारत में ही कारोबार कीजिए।

 

अपने ज्ञान से भारत में ही कुछ तैयार कीजिए।

 

जितना प्यार करते हो उस भारत के सैनिकों से,

 

उतना ही हिन्दी से प्यार कीजिए।

 

 

निवेदन है एक बार दिल से विचार कीजिए।

 

हिन्दी हमारी राजभाषा है उसको स्वीकार कीजिए।

 

तब जाकर अपने होश -हवास में ,

 

हिन्दी से प्यार कीजिए।

 


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