बहुजनों के दीये माता रमाबाई ने रोशन कर दिए | ऑनलाइन बुलेटिन
©ममता आंबेडकर
परिचय– गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
सोचती हूं अब मैं क्या लिखूं।
कैसे माता रमाबाई जी के संघर्ष की दास्तां लिखूं।
जो ख्वाब सजाए थे माता रमाबाई जी ने अपने लिए।
वह बहुजनों के नाम कर दिए।
जालिमों की आंधियों ने बुझाए थे जो बहुजनों के दीये
माता रमाबाई के त्याग ने वो रोशन कर दिए।
भटक रहे थे सदियों से जो तन्हा रातों में।
मातारमाबाई के बलिदान ने गुलामी की जंजीरों से।
वह आजाद कर दिया।
रोया करते थे कभी अकेले में।
बाबासाहेब उनके चेहरे पर मुस्कान कर दिए।
ढूंढ़ा करते थे। छोटी कभी कूड़े में।
लेकिन अब बाबासाहेब रोटी और मकान मेरे नाम कर दिए।
टूट कर बिखर गई थी जो नारियां
बाबासाहेब उनकी झोली में मुस्कान भर दिए।
त्यागमूर्ति माता रमाबाई अंबेडकर जी की जयंती पर
आप सभी देश वासियों को हार्दिक बधाई एवं मंगल कामनाएं …