है भारतीय संस्कृति की आत्मा ये हिंदी | ऑनलाइन बुलेटिन

©प्रियंका महंत
परिचय- रायगढ़, छत्तीसगढ़.
है वतन हिंदुस्तान हमारा, हम ही हैं ये हिंदी,
है गुलिस्ताँ जैसी, ज़ुबाँ से निकले ये हिंदी।
है भारतीय संस्कृति, की आत्मा ये हिंदी,
है भारत की, राज-भाषा ये हिंदी।
ये सिर्फ़ भाषा ही नहीं भावों की अभिव्यक्ति है हिंदी,
है सरस, सरल मनोहारी व प्यारी ये हिंदी।
है वतन हिंदुस्तान हमारा, हम ही हैं ये हिंदी।
है गुलिस्ताँ जैसी, ज़ुबाँ से निकले ये हिंदी।