ऐसी होली खेलिए | newsforum
©सरस्वती साहू, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
होली ऐसी खेलिए, प्रेम रंग मिलाए
जीवन भर निभता रहे, स्नेह गहन हो जाय
कर प्रणाम प्रहलाद को, निडर, साहसी बाल
दिए संदेश प्रेम का, भक्त बने निहाल
दुर्गुण मन की होलिका, दहन करो मन साफ
पाप हमारे अनगिनत, ईश्वर कर दो माफ
माता पिता के चरणों, रख दे रंग गुलाल
लेकर शुभ आशीष को, तिलक करे सब भाल
ऐसी होली खेलिए, भाव बैर मिट जाय
रंग उड़ाऐं प्रेम का, सोच हृदय मुस्काय …