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श्रमिकों का सम्मान……

©इंदु रवि

परिचय- गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

 

मजदूर है वह, बनाओ

मत उसे  मजबूर ।

दो रोटी की,खातिर

दिन-रात करता है मेहनत ।

दो समय पर

 

उसका मेहनताना |

 

हक है उसका भी

 

सम्मान पाना ।

 

मत मारो उसे

 

 

 

गरीब समझ कर

 

कभी ताना ।

 

कड़ा श्रम करता है

 

ईमानदारी पे मरता है ।

 

 

 

गरीब होता है बेशक पर

 

 

 

मानवीय गुणों से

 

सुशोभित होता है

 

 

 

सुकून से परिवार के साथ

 

रोटी खाता है ।

 

 

 

सुकून छीन जाता उसका

 

जब अकारण मालिक से

 

दो-चार सुन जाता है ।

 

 

 

मैंने देखा है

 

मेहनत करते हुए उन्हें

 

 

 

अपने पैसे के लिए

 

गिड़गिड़ाते हुए भी ।

 

 

 

और देखा है

 

किसी को उनके मेहनत का सम्मान करते हुए भी ।

 

 

 

सम्मान और समानता

 

चाहिए सभी को ।

 

 

 

मानवता निभानी चाहिए

 

सभी को ।

 

 

 

घर बनाते, सामान बनाते,

 

उगाते वही धान हैं ।

 

 

 

श्रमिकों का करो सम्मान

 

वही देश की शान हैं -2


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