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स्कूल …

©राजेश कुमार मधुकर (शिक्षक), कोरबा, छत्तीसगढ़


 

का होगे मोर स्कूल ल

नई खुलय अब लागत हे

जो रहिस थोर-थार दिमाक

ओहुहर अब तो भागत हे

 

का होगे………. लागत हे

 

रस्ता देखत देखत संगी

देख तो दुरिहा होवत हे

घर म बइठे बइठे लईका

स्कूल के रस्ता जोहत हे

 

का होगे……….. लागत हे

 

स्कूल के बड़ सुरता आथे

खेलई कूदई नई भावत हे

संगी-संगवारी मिलहि कब

उम्मीद अइसे नई जागत हे

 

का होगे………. लागत हे

 

कभू-कभू मोला होत बिहनिहा

स्कूल जाये बर कहिथे सियनहा

कइसे ओला बतावव स्कूल हर

आउ कतका टाईम माँगत हे

 

का होगे………….. लागत हे

 

गियान गंगा जल्दी बोहावय

जम्मो लईका स्कूल जावय

सब लईका ल स्कूल भावय

देखव का नवा सबेरा लावत हे

 

का होगे…………… लागत हे


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