Storm आंधी…
©नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़
परिचय- मुंबई, आईटी टीम लीडर
हम परिंदों को कहीं तो आशियां बनाना होगा।
आंधियां ने उजाड़ डाला है, कहीं तो जाना होगा।
तेज़ हवाओं में बिखर गया एक तिनका – तिनका,
तूफ़ानों के बीच ही अब अपना ठिकाना होगा।
शहर से कहीं दूर तो निकल आएं हैं हम,
शहर का हर परिंदा यहां अनजाना होगा।
नकाब चढ़ा रखा है हर किसी ने चेहरे पे,
यहां क्या किसी ने मुझ बदनसीब को पचाना होगा।
हाथ में दीया लिए, कई शब गुजारी इंतजार में,
ऐसी शम्मा का क्या, कहीं कोइ परवाना होगा।
कुछ सूखे पत्ते गिरे मिले हैं दरखतों के,
टूटा है पर बिखरा नहीं, शायद कोई रिश्ता पुराना होगा।
आंधियों को देख कर,मिंच ली हैं आंख बच्चों ने,
आंखें खोलकर मुक़ाबला करने को एहसास दिलाना होगा।
तबाही का मंज़र और किया होगा इस दिल का,
जाना पहचाना चेहरा भी अब बेगाना होगा।
जाना पहचाना चेहरा भी अब बेगाना होगा।
🔥 सोशल मीडिया
फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://www.facebook.com/onlinebulletindotin
व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld
ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.
🔥 अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रकाशित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।
ये खबर भी पढ़ें: