जीवन का आधार विज्ञान | ऑनलाइन बुलेटिन
©ममता आंबेडकर
परिचय- गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
विज्ञान ही हमारे जीवन का आधार है।
वज्ञान ही हर कल्पना करता साकार है।
जीव जंतु के भी यहां रूप हज़ार हैं।
रहते हैं हम जिस आयाम में।
वहां हर चीज का एक आकार है।
सब जगह हर मुश्किल आसान है
निशा का प्रभात हो जाना फिर सूर्य
की किरणों का टकराना फूल पत्तियों
की महक व चिड़िया भी चहके हैं
नदियों की शीतलता से प्रभावित हैं फसलें
खिल उठे खेत खलियान हैं
हरियाली से खाली नहीं कोई मैदान हैं
फूल फलों से हरी भरी बगिया पत्तों की
पहने पोशाक वृक्ष स्थल भी करते श्रृंगार
मोती से भरे समुद्र तो कहीं चमती नदियां
कैसे पनपता हैं जीवन कैसे करता काम है
कैसे धड़कता है हृदय और मन
कैसे बना वानर से इंसान
कैसे चलता दिमाग है
कैसे बनते पहाड़ कैसे आते भूचाल हैं
इस बात से कोई नहीं अंजान है
क्योंकि जीवन का आधार विज्ञान है
जो बना पशु से मानव प्रथ्वी है
जिसका घर अब जो निकला तो पहुंचा चांद
और मंगल ग्रह पर विमान से
हवा में अब बाते करते बटनों से काम करते हैं
बैठे बैठे अपने स्थल पर अब गति से चलते हैं
कैमरे में कैद करते पल हर चीज लगती आसान है
क्योंकि जीवन का आधार विज्ञान है
जब बैज्ञानिक होगी जिसकी सोच तो
हर रोज होगी अविष्कार की खोज हैं
अब बच्चे भी मुस्काए असाओं की छांव में
पैरों की गति बड़ जाए विश्वास की रह में
प्रतिभा का पैमाना भी पर्वत की उछाई नाप रहा
शिल्पकला भी पहने माला हर मंच पर
कलाकारों को मिलता अब सम्मान हैं
हर घर में महके जीवन खुशियों भरा संसार हैं
जो रखना चाहे ज्ञान उसकी मदद करेगा विज्ञान फिर
कोई बन सकते हैं महान इस बात को रखना
ध्यान कि जीवन का आधार हैं
विज्ञान ने प्रकृति को अपनाया है
समस्त देश वासियों को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर हार्दिक मंलकामनाएं …