.

अख़बार भी बिक गए…

©गायकवाड विलास

परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र


 

वहां क्या होगी नई क्रांति,जहां अख़बार भी बिक गए है,

अब किससे मांगे हक अपने,जहां सरकार ही बेईमान हुई है।

 

कभी ये अखबार जनता और देश के लिए लिखते थे,

अब यही अख़बार यहां पे सरकार के लिए चीख़ते है।

 

जो भी लिखें भ्रष्ट सरकारों के खिलाफ वो ही यहां देशद्रोही है,

अखबारों की छोड़ो अब जनता के हाथों में ही ये लोकशाही है।

 

वो अख़बार वालों कभी अपना फर्ज भी तुम याद करो,

ये सभी जनता और देश आपकी बिकी हुई कलम को देख रहा है।

 

अब क्या देखें ऐसे अख़बार,जो हरपल बेईमानी का साथ दे रहे है,

अपना ईमान बेचकर अख़बार छपवाना,ये अखबारों की नीति नहीं है।

 

अख़बार भी बिक गए और जनता भी यहां बिक रही है,

अब क्या गूंजेगी लोकशाही की गूंज,वोट भी यहां बिक रहे है।

 

वो भी इक वक्त था,जब सच्चाई का दर्पण दिखाते थे ये अखबार,

अब कहीं भी देखो इस देश में,चारों ओर फैला है कितना बेईमानी का बाज़ार।

 

वहां क्या होगी नई क्रांति,जहां अख़बार ही बिक गए है,

ये कैसा लोकतंत्र है,जहां अख़बार भी अपना अस्तित्व भूल गए है।

 

🔥 सोशल मीडिया

 

फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://www.facebook.com/onlinebulletindotin

Gaikwad Vilas, Latur, Maharashtra
गायकवाड विलास

व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld

 

ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.

 

🔥 अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रसारित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।

 

ये खबर भी पढ़ें:

दर्पण…

 


Back to top button