जवाब दो …

©डॉ. संतराम आर्य, वरिष्ठ साहित्यकार, नई दिल्ली
परिचय : जन्म 14 फरवरी, 1938, रोहतक।
मजहब किसी ने बुरा बताया नहीं
फिर मजहब की दीवार क्यों है
जुबां के शरीफ लगते हैं
फिर हाथों में तलवार क्यों है
पीटते हैं ढिंढोरा देश की तरक्की का
फिर लोग भूख से लाचार क्यों है
जो बेरोजगारी के सदा बनाते रहे तरीके
ऐसे रिश्वतखोर दलालों की सरकार क्यों है
जो कभी वतन के काम न आते
फूट डालकर सदा लड़ाते
आज बने देश के हकदार क्यों है …
गीत, रचना, कविता, कहानी, गजल, चुटकुला, छत्तीसगढ़ी रचनाएं, लेख आदि सीधे mail करें – newsforum22@gmail.com पर या 8305824440 पर व्हाट्सएप करें