प्यार का अंतनामा | ऑनलाइन बुलेटिन
©नीरज सिंह कर्दम
परिचय– बुलन्दशहर, उत्तर प्रदेश.
तुम्हारे लिए
अपनों के विरुद्ध खड़ी हो गई थी
तुमसे प्यार किया था,
इसलिए सबको छोड़कर
तुम्हारे साथ आई थी।
भूल गईं थी मैं
उस खुशहाल जिंदगी को भी
कि उससे भी ज्यादा
प्यार तुमसे मिलेगा मुझे
तुम्हारे सिवा अब कोई नहीं है मेरा
मेरा ये सोचना ग़लत था,
तुमने नोचा खरोंचा
अपनी हवस मिटाने के लिए
मुझे निवाला बनाया ।
छोड़ दिया मुझे आज
तुमने बीच राह में
सिसकारियां लेती हुई
दर्द भरी जिंदगी जीने को ।
आज तुमने कर दिया
मेरे प्यार का अंत
और लिख दिया
मेरे प्यार का अंतनामा ।