हिंद का गौरव है हिंदी | Newsforum
©द्रौपदी साहू (शिक्षिका), कोरबा, छत्तीसगढ़
हिंद का गौरव है हिंदी, हिंदी मेरी जान।
हिंदी से मेरी दुनिया, हिंदी मेरी पहचान।।
संस्कृत है जननी जिसकी, हिंदी है संतान।
गाथा है जिसमें रामायण, वेद, ग्रंथ, पुराण।।
देवों की वाणी है जिसमें, भारतवर्ष महान।
हिंद का गौरव है हिंदी, हिंदी मेरी जान।।
विविध बोलियां बहने इसकी, जिसमें छिपा है प्यार।
मातृभाषा है हिंदी, देती सबको दुलार ।।
सरल-सहज भाषा अपनी, है विश्व में इसका मान।
हिंद का गौरव है हिंदी, हिंदी मेरी जान ।।
भाव भरी संवेदनाएं और हंसी ठिठोली है ।
हृदय चीर दे दुश्मन के, वो सेना की गोली है।।
महापुरुषों की वाणी इसमें और कला की खान।
हिंद का गौरव है हिंदी, हिंदी मेरी जान ।।
जन-जन की दुलारी है, साहित्य की फुलवारी है। कश्मीर से कन्याकुमारी, राष्ट्रभाषा हमारी है ।।
भूल ना जाए अगली पीढ़ी, दो इसको सम्मान।
हिंद का गौरव है हिंदी, हिंदी मेरी जान ।।
हिंद का गौरव है हिंदी, हिंदी मेरी जान।
हिंदी से मेरी दुनिया, हिंदी मेरी पहचान।।