होली का त्योहार …

©पूनम सुलाने-सिंगल
परिचय- श्रीनगर से….
चलो, इस बार होली के त्योहार की
तैयारियाँ कुछ अलग ढंग से करते हैं
घर के धूल, जाले, कचरे के साथ-साथ
व्यर्थ विचारों से खुद को आजाद करते हैं
शिकायतों की बंधी हुई है जो गाठे
उनको होली के अग्नि में अर्पण करते हैं
गुझियाँ, पूरन पोली की मिठास को
चलो, प्यार भरे रिश्तों में घोलते हैं
कर स्वीकार जो जैसा है उसका
एक दूजे के रंग में चलो रंगते है
भूलाकर गलतियाँ सभी की
रंग बिरंगी फूलों सी मुस्कान
चेहरे पर सबके बिखेरते हैं
पतझड़ के बाद की हरियाली सी
परिवर्तन में है जो नयापन
बदलती हुई प्रकृति से सीख लेते हैं
होली के इस पावन त्योहार पर
चलो जीवन को खुशियों से भरते हैं