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कर्तव्य पथ | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©रामकेश एम यादव

परिचय- मुंबई, महाराष्ट्र.


 

न रुकेगा, न झुकेगा, आन पर बढ़ता रहेगा,

अमर शहीदों का सदा ये यश गाता रहेगा।

बलिदानों का पुष्प चढ़ा न जाने कितना,

गवाह रहा है आजादी का यह पुराना पथ।

कर्तव्य पथ! कर्तव्य पथ! कर्तव्य पथ!

 

अपने हृदय की वेदना को मैं कैसे सुनाऊँ,

लोगों ने बहाया नदियों खून कैसे दिखाऊँ।

खुद हाथों से चूँम लिए थे फाँसी के फन्दे,

तन-बदन तब खून से हो गया था लटपथ,

कर्तव्य पथ ! कर्तव्य पथ! कर्तव्य पथ!

 

उस बीते हुए राजपथ की है कई कहानी,

किंग जार्जपंचम के वो कदमों की निशानी।

मिटा दी भारत सरकार दृढ इच्छा-शक्ति से,

जब जलेगी अग्नि दिल, वो चलेगा अग्निपथ।

कर्तव्य पथ ! कर्तव्य पथ ! कर्तव्य पथ!

 

कितने पांव कब्र में लटके लेते सत्ता की चुस्की,

स्विसबैक की चाबी लेके मार रहे कितने मुस्की।

विघ्न -बाधा चूम – चूमकर छू लो नीलगगन,

लेकर खजाना उड़े न कोई ऐसी खाओ शपथ,

कर्तव्य पथ ! कर्तव्य पथ ! कर्तव्य पथ !

 

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