सपना सजाया जाए | ऑनलाइन बुलेटिन
©रामकेश एम यादव
समाज से कटे लोगों को ऊँचा उठाया जाए,
उनके टूटे सपनों को फिर से सजाया जाए।
भारतवर्ष तो स्वस्थ लोकतांत्रिक है देश,
फिर से इसे सोने की चिड़िया बनाया जाए।
दलगत राजनीति से ऊपर उठके नेता करें काम,
शिक्षा,सड़क,अस्पताल का दायरा बढ़ाया जाए।
बाढ़- बारिश, तूफान से न हो ये परेशान विश्व,
ग्लोबलवार्मिंग, क्लाईमेटचेंज से बचाया जाए।
जहाँ-तहाँ गिरती थी सफेद बर्फ आसमानों से,
उस झूलसती दुनिया को आग से बचाया जाए।
भोग्यवादी जिन्दगी देखो बिलकुल ठीक नहीं
ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन पे काबू पाया जाए।
जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रहा रेगिस्तान,
टूटते उन हिम-नदों का कलेजा बढ़ाया जाए।
बड़े – बड़े युद्ध लड़ने से भला कब हुआ?
नए- नए वायरस से वसुधा को बचाया जाए।
वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बढ़ता जा रहा खतरा,
डब्ल्यूएचओ का झुका भाल फिर उठाया जाए।
जानवरों के प्रजनन शक्ति में आई भारी कमी,
जल, जंगल, झील,पर्वत फिर से सजाया जाए।
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