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संविधान दिन चिरायु हो | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©मजीदबेग मुगल “शहज़ाद

परिचय- वर्धा, महाराष्ट्र


 

गज़ल

 

मतलब भी जानो जरा इस संविधान का ।

भविष्य यह समाया भारतीय इन्सान का ।।

 

कोई  भी    चलाये   सत्ता   भारत     की ।

सामना   करना    है   उसे    संविधान  का ।।

 

सभी  को  खुशी  हक  अधिकार  मिलेगे ।

संविधान    ही   एक  रास्ता  आसान  का ।।

 

बेकारों   को     काम   अन्याय   को   न्याय ।

लोकशाही   में   संविधान   ये   अर्मान   का ।।

 

व्यक्ति     विशेष     पाने   का  महा    मार्ग।

संविधान   कलमी    आदेश   फर्मान   का ।।

 

किसी   भेदभाव   का   खेल   नही  चलता ।

एकता  समता  बोध  चिन्ह  संविधान  का ।।

 

‘शहज़ाद ‘नागरिक  फर्ज  संविधान  रक्षा।

संविधान को समझना काम सुजान का ।।

 

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