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पेड़ | Newsforum

©संजय वासनिक, चेंबुर, मुबंई 


 

 

इमारत के बगल वाला

एक पेड़ क्या गिरा

किसी के लिये

तमाशा बन गया

तो किसी के लिये

उत्सुकता का विषय

आनन-फ़ानन में

बखेड़ा हो गया

किसी ख़ाली हाथों को

काम मिल गया

तो किसी के लिये

क़िस्सा होशियारी

झाड़ने का हो गया

पर कोई नहीं जानता की

कितनों का बसेरा

उजड़ गया ….


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