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मुझको तो तेरी एक नज़र ही काफी है | ऑनलाइन बुलेटिन

©कलमकार

परिचय– मेरठ, उत्तरप्रदेश


 

 

तेरे सिवा कोई चाहिए नहीं मुझे अपने जीवन में!

तू थम ले सिर्फ हाथ मेरा मेरे लिए उतना काफी है!

उम्मीद नहीं तुझसे ताउम्र साथ निभाने की!

मुझको तो तेरी एक नज़र ही काफी है!

करीब जब तू आता है मेरे दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है!

दीदार हो जाये तेरा मुझे मेरे लिए उतना काफी है!

प्यार से देख लिया कर हमको भी कभी एक बार जाने -जाना!

मुझको तो तेरी एक नज़र ही काफी है!

सिर्फ साथ नहीं दुआ में माँगा है मैंने तुझे ख़ुदा से!

साथ ना सही कुछ मुताक़लीम तक रह लेकर उतना मेरे लिए काफी है!

जी भर के देख लूं तुझे प्यार से खो जाये हम एक दूसरे में!

मुझको तो तेरी एक नज़र ही काफी है!

सच्ची उल्फत की है दिल्लगी नहीं मैंने तुझसे!

थोड़ा से बात कर ले मेरे लिए वो काफी है!

माँगता नहीं तुझसे ज्यादा में कुछ और अपने लिए!

मुझको तो तेरी एक नज़र ही काफी है!


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